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Thursday, November 15, 2012

Elicitation


अश्को के समंदर में,
बेपनाह प्यास से,
बेवफा प्यार में तेरी 
जल रहा हूँ मैं.

टूट के छितराए

अरमानो के टुकरों पर,
हर डग खून सींच रहा हु मैं.

कातिल तेरे खंजर की

चोट से बढ़कर ,
तेरी यादों की लौ में 
जल रहा हूँ मैं....


(C) Anshul Gautam