अश्को के समंदर में,
बेपनाह प्यास से,
बेवफा प्यार में तेरी
जल रहा हूँ मैं.
टूट के छितराए
अरमानो के टुकरों पर,
हर डग खून सींच रहा हु मैं.
कातिल तेरे खंजर की
चोट से बढ़कर ,
तेरी यादों की लौ में
जल रहा हूँ मैं....
(C) Anshul Gautam
बेपनाह प्यास से,
बेवफा प्यार में तेरी
जल रहा हूँ मैं.
टूट के छितराए
अरमानो के टुकरों पर,
हर डग खून सींच रहा हु मैं.
कातिल तेरे खंजर की
चोट से बढ़कर ,
तेरी यादों की लौ में
जल रहा हूँ मैं....
(C) Anshul Gautam
Taarif le lafz nahi hain hamare pass aapke liye.
ReplyDeleteBahut khoob. :)
Impeccable ! Ye lou jalti rahni chahiye. Bande main hai dam.....
ReplyDeleteGAURAV BHATT
very nice... loved the full flow of words and the depth in it...
ReplyDeletethe feeling is excellent and i can feel that with your words...
keep it up...
really niceeeeee
ReplyDeleteIntense... It portrayes pain and cruelty of love. :(
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